स्तन संबंधित आवश्यक जानकारी
आपके शरीर मे आपके स्तन के बारे मे आपसे अधिक और कोई नही जान सकता | स्तन की गिलटी यदि शीघ्र पता चल जाए तो ईलाज द्वारा ईस्के दुष्परिणाम से बचा जा सकता है| स्तन रोगों और स्तन कैंसर के बारे मे निम्न बातों की जानकारी आप अवश्य पढ़ लें|
१- स्तन मे सामान्य गिलटी : प्रयाः स्तन मे गिल्टी पाई जाती है जो की सामान्य ही होती है| स्तन का आकार मोटा पतला प्रायः मासिक की गतिविधि से घटता बढ़ता है| अधिकाँशतः स्तन का मोटा होना या गिलटी का आभास होना कैंसर नही होता बलकी गिलटी होने की भ्रान्ति पैदा करता है| वह गिलटी जो मासिक से पहले कड़ी या मोटी हो जाए सामान्य गिलटी होती हैं| इनमे कुछ दर्द भी हो सकता है |
२- स्तन मे दर्द: कुछ महिलाओं को मासिक आने से कुछ दिन पहले से स्तन मे दर्द या भारीपन सा लगता है जो अक्सर सामान्य होता है व मासिक आने प्र चला जाता है | स्तन मे लगातार दर्द लाली और सूजन फोड़ा हो सकता है|
३- स्तन मे कैंसर: स्तन मे कैंसर की शुरूवात स्तन मे गाँठ बनने से होती है जिसका पता अचानक चलने लगता है | स्तन मे महसूस होने वाली कोई नयी गिलटी जिसके उपर की चमड़ी मोटी हो गयी हो तथा छूने मे कड़ी हो, सूजन हो, निपल अंदर धँस गया हो या उससे खून आता हो, कैंसर के प्रमुख लक्षण हैं| स्तन का उपर उठ जाना , उसका आकार बढ़ जाना, खाल का संतरे के छिलके जैसा दिखना , निपल से खून आना तथा निपल का अंदर की तरफ सिकुड़ना स्तन कैंसर के अन्य लक्षण हैं| याद रखिए स्तन कैंसर की गिलटी मे प्रायः दर्द नही होता|
स्तन मे कैंसर किसी भी उम्र की महिला को हो सकता है| लेकिन ४५ से ५५ साल की उम्र की महिलाओं मे इसके होने की अधिक संभावना होती है| ताउम्र अविवाहित रहने वाली, देर मे शादी करने वाली और अपने बच्चों को स्तनपान न्ही कराने वाली महिलाओं को स्तन कैंसर की संभावना थोड़ी बढ़ जाती है| अगर मा या बहन के स्तन कैंसर हुआ है तो कैंसर की आशंका सामान्य से दो तीन गुना बढ़ जाती है| विकरण किरण भी स्तन कैंसर के ख़तरे को बढ़ाती हैं |
जब स्तन मे कोई बड़ी रसौली या गाँठ होती है तो छूने से पता चल जाता है लेकिन जब गाँठ बहुत छोटी होती है तब खुद छूने से पता नही चलता | विशेषज्ञ या सर्जन इसका पता छूकर ही लगा सकते हैं| जब रसौली या गाँठ शुरूवाती दौर मे होती है तो इसका पता मेमोग्राफी से भी चल सकता है| यह एक तरह का खास एक्स रे है, इसमे अलग अलग दिशाओं से एक्स रे लिया जाता है जिसमे स्तन के अंदर के उतकों की बनावट उभर कर फिल्म पर आ जाती है| साधारण एक्स रे मशीन से मेमोग्राफी ना कराएँ |
४- स्तन की जाँच: स्तन की जाँच जानकार डाक्टर से ही कराएँ| अधूरे ज्ञान वाले डॉक्टर तथा घरेलू उपाय ना कराएँ| स्तन की जाँच स्वयं जाँच चित्र मे दिखाए गये निर्देशों के अनुसार करें| एक बड़े से शीशा के सामने खड़े हो जाएँ और अपने सपाट हाथ से स्तन को छाती की दीवार से लगाकर टटोलें| ध्यान र्हे स्तन का कोई हिस्सा छूटे नही| बगल तथा गले की गिलटी भी टटोले| यह कार्य सपाट लेट कर भी किया जा सकता है|
स्वयं स्तन परीक्षण:
यह बचाव का एक अछा तरीका है| स्तन मे गाँठ होने का पता अधिकतर महिला स्वयं ही लगा सकती है| स्वयं स्तन परीक्षण एक ऐसी विधि है जिसमे महिला नियमित रूप से स्वयं ही जाँच कर सकती है| जिससे उसमे गाँठ की बिल्कुल प्रारंभिक अवस्था मे निदान की योग्यता आ जाएगी|
१- यह एक ऐसी विधि है जिसमे २० साल की उम्र से महिला अपने स्तन की जाँच स्वयं ही नियमित रूप से कर सकती है|
२- महीने मे एक बार माहवारी शुरू होने से सातवें दिन नियमित रूप से जाँच करनी चाहिए उस समय स्तन मे भारीपन या सूजन न्ही होती| गर्भनिरोधक गोली लेने वाली महिला को पॅकेट की पहली गोली लेने के दिन से ही स्तन का परीक्षण करना चाहिए| यदि माहवारी बंद हो चुकी हो तब महीने की कोई भी एक तारीख निकाल का जैसे महीने की पहली तारीख को परीक्षण करना चाहिए|
३- अपने हाथों को ढीला छोड़कर शीशा के सामने खड़े होकर बाहों को बगल मे रखें और दोनो स्तन को देखें| स्तन का आकर, निपल, स्तन की खाल के उपर किसी प्रकार की लाली , सूजन या किसी प्रकार के विकार के लिए देखें| निप्पल से खून मिश्रित श्राव या आकार मे कोई बदलाव नज़र आए तो स्तन की तुलना दूसरे स्तन से करिए|
४- अपने हाथों को कमर पर रख कर आगे की ओर झुक कर स्तन का निरीक्षण फिर से करिए| अपने दोनो हाथों को सिर के पीछे रखकर पुनः देखें|
५- आप अपने बिस्तर पे लेट कर एक छोटा तकिया ले लीजिए उसे अपने बाएँ कंधे के नीचे रख लीजिए और अपने बाएँ हाथ को अपने सिर के नीचे रख लीजिए| अपने दाहिने हाथ की उंगलियों को कोमलता के साथ लेकिन थोड़ा दबाव देकर स्तन के उपरी हिस्से को सहलाइए| ऐसा आप बाहर से अंदर की ओर यानी स्तन से लेकर निपल तक कर सकती हैं| इसी के साथ निपल के एर्द गिर्द के हिस्से को भी सहलाईए | बारी बारी से दाहिने और बाएँ स्तन की बाएँ और दाएँ हथेली से परीक्षण करिए| सीधे हाथ की चारों उंगलियों को बाएँ स्तन पर चारों ओर गोलाकार मे दबाकर अंदर के, उपरी हिस्से के और निप्पल की परीक्षण करिए|
६- इसी प्रकार कोमल और हल्के दबाव के साथ स्तन के अंदर निचले हिस्से का परीक्षण कीजिए यदि कोई माँस या गाँठ हो तो ध्यान देने की आवश्यकता है|
७- इसी प्रकार से बाएँ हाथ से दाएँ स्तन का परीक्षण कीजिए|
८- हाथ नीचे लाकर बगल के भाग की परीक्षा कीजिए|
९- किसी भी प्रकार का संदेह होने पर तुरंत डॉक्टर के पास ब्रेस्ट क्लिनिक जाकर शंका का समाधान कीजिए| गाँठ साधारण भी हो सकती है| पर छुपाईए नही , शीघ्र इलाज होना अछा है|
स्वयं स्तन परीक्षण विधि:
शीशे के सामने खड़े होकर
हाथों को सिर के पीछे लाकर
उपरी हिस्से की जाँच
बगल वा बाहरी हिस्से की जाँच
स्तन की जाँच सपाट हाथ से करें
Ensure regular follow-up with your doctor
In addition to performing monthly breast self-exams, keep your scheduled follow-up appointments with your doctor. Continue to follow your doctor’s recommendations on screening mammograms
Simple steps for breast self examination
In the showerFingers flat, move gently over every part of each breast.Use your right hand to examine left breast, left hand for right breast, Check for any lump, hard knot or thickening. Carefully observe any chanes in your breast.
Before a mirrorinspect your breasts with arms at your sides.Next, raise your arms high overhead.Look for any change in size, shape or contour of each breast,redness of the nipple. Then rest palm on hips and press firmly to flex your chest muscles. Left and right breast will not exactly match – few women’s breast do.
Lying DownPlace pillow under right shoulder, right arm behind your head.With fingers of left hand flat, Press right breast gently in small circular motions, Moving Vertically or in a circular pattern covering the entire brest. Use light, medium and firm pressure.Squeeze nipple; CHeck for any discharge or lumps. Repeat these steps for your left breast.
Ensure regular follow-up with your doctor
In addition to performing monthly breast self-exams, keep your scheduled follow-up appointments with your doctor. Continue to follow your doctor’s recommendations on screening mammograms